नई दिल्ली । भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जीएसटी में सुधार करने के संकेत देने के बाद, वित्त मंत्रालय ने जीएसटी की दरों को सरल बनाने में जुट गया। मंत्रालय ने मंत्रियों के एक समूह (जीएमओ) के सामने दो-स्लैब वाली जीएसटी दर संरचना का प्रस्ताव रखा है। यह कदम टैक्स के बोझ को कम करने और छोटे उद्योगों को लाभ पहुँचाने के लिए उठाया जा रहा है।
फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18, और 28 प्रतिशत के चार स्लैब हैं। नए प्रस्ताव के अनुसार, इन्हें हटाकर केवल दो स्लैब रखे जाएंगे। इसके साथ ही कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर विशेष दरें लागू की जा सकती हैं। इस बदलाव का मुख्य लक्ष्य आम आदमी के लिए आवश्यक और अन्य वस्तुओं पर जीएसटी दरों को कम करना है। इससे लोगों पर पड़ने वाला वित्तीय बोझ घटेगा। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से संकेत दिया है कि ये जीएसटी सुधार दिवाली तक लागू हो जाएंगे। पीएम मोदी ने अपने भाषण में जीएसटी सुधारों के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी की है। अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जो मौजूदा कानूनों को 21वीं सदी के हिसाब से ढालने का काम करेगी। इसका उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करना है। मोदी सरकार ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई ) को बढ़ावा देने के लिए अनुपालन बोझ कम किया है, पुराने कानूनों को खत्म किया है और नियमों को सरल बनाया है। छोटे-मोटे उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिए संसद में एक आयकर विधेयक पेश किया जाएगा। यह सुधार जीएसटी परिषद की अगली बैठक में चर्चा का विषय होगा, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी।
