सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 5 अगस्त 2025 को दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के पूर्व डायरेक्टर और प्रमोटर धीरज वाधवान की जमानत रद्द कर दी। यह फैसला एक बड़े बैंक ऋण घोटाले के मामले में लिया गया है, जिसमें धीरज वाधवान पर 42,871.42 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। कोर्ट ने उन्हें दो हफ्ते के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है।
धीरज वाधवान को दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 सितंबर 2024 को बीमार होने के कारण जमानत दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि धीरज एक “बीमार व्यक्ति” की श्रेणी में आते हैं। CBI ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
CBI की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने तर्क दिया कि धीरज को कोई गंभीर बीमारी नहीं है और उन्होंने निजी अस्पतालों से मेडिकल रिपोर्ट्स हासिल करके जमानत हासिल की। सुप्रीम कोर्ट के जज संजय कुमार और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद जमानत रद्द कर दी।