नई दिल्ली: रांची में अंग्रेजों की लंका लगाने के बाद अबकुलदीप यादव पांचवें टेस्ट के लिए धर्मशाला जा रहे हैं। धर्मशाला में ही उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू किया था और अब एक बार फिर उनके पास अपना हुनर दिखाने का मौका है। टेस्ट करियर में उतार-चढ़ाव के बावजूद कुलदीप ने 21.82 की औसत से प्रभावित किया है। इंग्लैंड के खिलाफ करीबी मुकाबले में उन्होंने न सिर्फ अपनी कला और विकेट लेने की काबिलियत दिखाई है बल्कि बल्ले से भी योगदान देने की इच्छाशक्ति दिखाई है। कुलदीप भारतीय टीम में रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा के बाद तीसरे नंबर के स्पिनर हैं। कई बार उन्हें अक्षर पटेल से भी पीछे रहना पड़ता है। इससे जब भी उन्हें मौका मिलता है तो उन पर प्रदर्शन का दबाव रहता है। हालांकि, उन्होंने 2019 में खराब दौर और 2021 में घुटने की चोट के बाद अपने कौशल और तकनीक को फिर से खोजते हुए खेल के प्रति एक समझदार दृष्टिकोण दिखाया है।
