नई दिल्ली : इस साल की शुरुआत में यूएस शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी के शेयरों में भूचाल ला दिया था। इसके बाद ग्रुप ने निवेशकों का विश्वास पाने के लिए अपने कर्ज को कुछ कम किया और गिरवी रखे शेयरों की संख्या घटाई। इस रिपोर्ट से अडानी के शेयरों में निवेशकों के 150 अरब डॉलर स्वाहा हो गए थे। ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी का कहना था कि इस रिपोर्ट का उद्देश्य समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और इसके शेयर की कीमतों को कम करके लाभ कमाना था। इसके बाद से ग्रुप की कंपनियों ने अपने शेयरों में हुए नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर ली है और ग्रुप का कारोबार पटरी पर आ गया है। लेकिन हिंडनबर्ग हमले की गूंज अलग-अलग तरीकों से अधिक गहरी और लंबे समय तक महसूस की जा सकती है।