नई दिल्ली: चीन की आर्थिक सेहत किसी से छिपी नहीं है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बीते कुछ समय से बुरे दौर से गुजर रही है। वहां का रियल एस्टेट सेक्टर, जो उसकी जीडीपी में 30 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है खस्ताहाल हो चुका है। रियल एस्टेट कंपनियां दिवालियां हो रही हैं। लोगों खर्च करने की हालत में नहीं है, इसलिए घर खंडहर बनते जा रहे हैं। एक अरब 40 करोड़ से अधिक आबादी वाले देश की धीमी विकास दर, बेरोज़गारी, बूढ़ी होती जनसंख्या, प्रॉपर्टी बाज़ार की उथल-पुथल ने उसकी आर्थिक सेहत को बिगाड़ दिया है। चीन क आर्थिक सेहत इस कदर बिगड़ती जा रही है कि अब दुनियाभर की टेंशन बढ़ने लगी है। भारत भी इससे बच नहीं पाएगा। चीन की बिगड़ती इकॉनमी का असर भारत पर भी हो सकता है। दोनों देशों के बीच भारी-भरकम आयात-निर्यात होता है। अगर चीन की अर्थव्यवस्था बिगड़ी तो इसका असर दोनों देशों के व्यापार पर भी दिखेगा और भारत भी प्रभावित होगा।