सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 2 मार्च को एक अहम फैसले में ये टिप्पणी की थी। साथ ही कहा था कि जब तक संसद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा कानून नहीं बनाती, तब तक चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक समिति की सलाह पर होगा। इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शामिल होंगे।
अब सरकार नियुक्ति के लिए कानून बनाने जा रही है, लेकिन इसमें चीफ जस्टिस को शामिल नहीं किया गया है। 10 अगस्त को केंद्र सरकार ने राज्यसभा में एक बिल पेश किया। इसका नाम है- ‘मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, शर्तें और पद अवधि) विधेयक, 2023।’
नया कानून लागू होने के बाद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी करेगी। इसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक नॉमिनेटेड कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। नॉमिनेटेड कैबिनेट मंत्री का नाम प्रधानमंत्री तय करेंगे।