मणिपुर में पुलिस-असम राइफल्स आमने-सामने, डेड बॉडी नहीं ले रहे कुकी

मणिपुर में पुलिस-असम राइफल्स आमने-सामने, डेड बॉडी नहीं ले रहे कुकी

मणिपुर में 98 मौतें… 300 से ज्यादा घायल…37 हजार से ज्यादा लोग रिलीफ कैंपों में हैं। हिंसा के एक महीने बाद भी इंटरनेट बंद है। हालात ये हैं कि 4 जून की शाम को इरोइसेम्बा इलाके में 8 साल के बच्चे को उसकी मां और नानी समेत एम्बुलेंस में जिंदा जला दिया गया। ऐसा तब हो रहा है जब चप्पे-चप्पे पर सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस तैनात है।

कुकी हों या मैतेई, दोनों अपने-अपने इलाके की रक्षा के लिए हथियार लेकर सड़कों पर चेकपोस्ट बनाए खड़े हैं। 5 मई तक 5,200 हथियार लूटे गए। गृहमंत्री अमित शाह की अपील के बावजूद सिर्फ 900 ही बरामद हो पाए हैं। इनमें से 80% हथियार मैतेई इलाकों में, जबकि 20% कुकी इलाकों में लूटे गए थे।

मैतेई और कुकी कम्युनिटी के बीच चल रही लड़ाई अब केंद्र बनाम राज्य में तब्दील हो चुकी है। पहाड़ों पर रहने वाली कुकी कम्युनिटी के लोगों को लगता है कि असम राइफल्स उनके सपोर्ट में है और पुलिस उनके खिलाफ।

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