इस्लामाबाद: पाकिस्तान को इस साल 30 जून के अंत तक 3.7 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाने की जरूरत है। अगर पाकिस्तान इस कर्ज को नहीं चुका पाया तो उसे डिफॉल्ट घोषित कर दिया जाएगा। ऐसे में पाकिस्तान मित्र देशों और बहुपक्षीय ऋण देने वाली एजेंसियों से मदद की गुहार लगा रहा है। इसके बावजूद पाकिस्तान को जरूरत के मुताबिक रकम नहीं मिल पा रही है। इस बीच विशेषज्ञों का अनुमान है कि पाकिस्तान का अगला वित्तीय वर्ष भी डॉलर की किल्लत के साथ शुरू होने वाला है। पाकिस्तान इन दिनों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ 1.1 बिलियन डॉलर के कर्मचारी स्तरीय समझौते के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है।
ब्लूमबर्ग के साथ एक इंटरव्यू में रेटिंग एजेंसी फिच के एख अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को जून 2023 तक 3.7 बिलियन डॉलर चुकाने होंगे।