नई दिल्ली: 10 मिनट में आप तक सामान पहुंचाने वाली ब्लिंकिट इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रही है। अगर आप दिल्ली-एनसीआर में हैं और ब्लिंकिट से ग्रोसरी ऑर्डर कर रहे हैं तो हो सकता है आपका ऑर्डर टाइम पर ना पहुंचे। कई इलाकों में तो ब्लिंकिट की सर्विस तक बंद हो चुकी है। जोमैटो के मालिकाना हक वाली कंपनी ब्लिंकिट के डिलीवरी राइडर्स उससे नाराज है। खबर तो ये है कि करीब 1000 नाराज राइडर्स ने कंपनी का साथ छोड़कर स्विगी, जेप्टो, बिग बास्केट जैसी क्विक-ईकॉमर्स कंपनियों का हाथ थाम लिया है। ऐसे में समझना जरूरी है कि आखिर ब्लिकिंट मुश्किल में क्यों आई? क्यों उसके राइडर्स नाराज हैं? इस पूरे विवाद की इनसाइड स्टोरी क्या है?
लोगों तक 10 मिनट में सामान पहुंचाने वाली ब्लिंकिट ने अपने डिलीवरी एजेंट्स का इंसेंटिव कम कर दिया, जिसके बाद से वो मुश्किल में फंसती जा रही है। दिल्ली-एनसीआर में 1000 से ज्यादा राइडर्स ने ब्लिंकिट का साथ छोड़कर दूसरी कंपनियों के साथ चले गए। मुनाफा कमाने में जुटी ब्लिंकिट पर उसकी अपनी ही चाल उल्टी पड़ गई। जो कंपनी लगातार ग्रोथ कर रही थी, अचानक उसने ऐसा फैसला ले लिया, जिसने उसे मुसीबत में डाल दिया है। जिन लोगों पर कंपनी की पूरी नींव टिकी है कंपनी ने उन्हें ही नाराज कर दिया।