प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को कारगिल में जवानों के साथ दिवाली मना रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम सिविलियन लोगों की दिवाली… हमारी आतिशबाजी अलग होती है। आपकी आतिशबाजी भी अलग और धमाके भी अलग होते हैं।
मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद हर साल जवानों के साथ दिवाली मनाते हैं। 2014 में पहली बार उन्होंने सियाचिन में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई थी। यह 9वां साल है जब दिवाली पर मोदी जवानों के बीच पहुंचे हैं।
दिवाली का मतलब- आतंक के अंत का उत्सव
पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि दिवाली का मतलब है- आतंक के अंत का उत्सव। यही कारगिल ने भी किया था। कारगिल में हमारी सेना ने आंतक के फन को कुचला था और देश में जीत की ऐसी दिवाली मनी थी कि लोग आज भी याद करते हैं।
मेरा सौभाग्य था कि मैं उस जीत का साक्षी बना था और मैंने उस युद्ध को करीब से देखा था। मैं यहां के अधिकारियों का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे 23 साल पुरानी तस्वीरें दिखाकर वो पल मुझे याद दिलाए। देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर मेरा कर्तव्य मुझे जंग के मैदान तक ले आया था। हम जो भी मदद कर सकते थे, वही करने यहां आए थे। हम बस पुण्य कमाने आए थे।