चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट के कूलिंग सिस्टम के लिए ईंधन की कमी हुई

चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट के कूलिंग सिस्टम के लिए ईंधन की कमी हुई

यूक्रेन और रूस के बीच 24 फरवरी को शुरू हुई जंग को 13 दिन बीत चुके हैं। आज इस युद्ध के 14वें दिन रूसी सेना के कब्जे की वजह से चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट का यूक्रेन के पॉवर ग्रिड से संपर्क टूट गया है। यूक्रेन का कहना है कि रिजर्व डीजल जेनरेटर्स केवल 48 घंटे तक ही प्लांट को बिजली सप्लाई दे सकती है। इसके बाद प्लांट के कूलिंग सिस्टम के लिए बिजली नहीं मिलेगी और रेडिएशन होने लगेगा।

वहीं, प्लांट के ऑपरेटर ने कहा है कि रिपेयरिंग न होने से पूरे देश में रेडिएशन लीक होने का खतरा पैदा हो गया है। प्लांट रिपेयर करने के लिए यूक्रेन ने सीजफायर की मांग की है।

रूस ने कहा- यूक्रेन के साथ बातचीत में ‘कुछ प्रगति’ हो रही है, लेकिन रूस यूक्रेन सरकार को ‘हटाने’ की कोशिश नहीं कर रहा है। इससे पहले राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेन अब NATO की सदस्यता नहीं लेगा। 

इस बीच पड़ोसी देशों में रिफ्यूजी संकट बढ़ गया है। UN के मुताबिक 20 लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है। वहीं, लोगों को ब्रिटेन जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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