रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से कच्चा तेल भड़क उठा है। ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल (ब्रेंट क्रूड) के भाव बढ़कर 110 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गए हैं। इस बीच अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने दुनिया में एनर्जी संकट बढ़ने की चेतावनी दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस से कच्चे तेल की सप्लाई पर असर पड़ा। जिससे क्रूड के भाव 2014 के बाद सबसे ऊंचाई पर पहुंच गए। इससे आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम 25 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं।
ग्लोबल एग्रीमेंट के अनुसार कच्चे तेल की सप्लाई नहीं हो पा रही है। जापान, अमेरिका सहित IEA के सदस्यों ने अपने रिजर्व में से 6 करोड़ बैरल तेल जारी करने की तैयारी की है, लेकिन यह एक दिन के तेल खपत से भी कम है। ऐसे में आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमत और बढ़ सकती है। IEA ने कहा है कि अमेरिका ने अपने ऑइल रिजर्व में से 3 करोड़ बैरल तेल बाजार में जारी किया है। हालांकि, जिस तरह दुनियाभर में तेल की खतप बढ़ रही, रिजर्व में रखे तेल इसके लिए काफी नहीं होंगे। कोरोना से पहले दुनियाभर में रोजाना 10 करोड़ बैरल तेल की खपत हो रही थी।
150 डॉलर तक जा सकता है कच्चा तेल
ग्लोबल फर्म गोल्डमैन सैश, मॉर्गन स्टैनली और JPमॉर्गन ने कच्चे की कीमतों पर भविष्यवाणी की है। इन एजेंसियों के अनुसार कच्चे तेल के दाम जल्द ही 150 डॉलर प्रति बैरल को भी पार कर सकते हैं। हालांकि, रूस ने अपने क्रूड के दाम रिकॉर्ड स्तर तक घटा दिए हैं, लेकिन अमेरिका और यूरोप की ओर से लगे प्रतिबंधों की वजह से कोई भी उसे खरीद नहीं रहा।