कोरोना महामारी की शुरुआत से ही ‘हर्ड इम्यूनिटी’ शब्द चर्चा में रहा है। इसे तब हासिल किया जा सकता है, जब आबादी का बड़ा हिस्सा वायरस से संक्रमित होकर एंटीबॉडी विकसित कर ले। लेकिन, विशेषज्ञ मानते हैं कि कोविड-19 बीमारी के केस में हर्ड इम्यूनिटी को हासिल करना सरल नहीं है। इसके लगातार म्यूटेट होने, जल्दी फैलने और हर वर्ग के लोगों को संक्रमित करने की क्षमता के कारण ये वायरस कॉम्प्लेक्स हो चुका है। कनाडा की एक्सपर्ट कैरोलिन कोलीजिन के मुताबिक, यदि वायरस से बचना है तो उसके साथ अभी से जीना सीख लें।
क्या होती है हर्ड इम्यूनिटी?
जब आबादी का बड़ा हिस्सा किसी बीमारी से संक्रमित होकर उसके खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर लेता है, तब असंक्रमित लोग भी बीमारी से सुरक्षित हो जाते हैं। इसके अलावा, ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करके भी हर्ड इम्यूनिटी हासिल की जा सकती है। इस प्रकार संक्रमण अपने आप ही कंट्रोल में आ जाता है।