छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जांजगीर में आयोजित रोहणी गोशाला के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर कई संत भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने यहां पहले संतों से आर्शीवाद लिया। इसके बाद वे मंच पर लगे कुर्सी को छोड़कर जमीन पर ही बैठ गए। सीएम ने यहां निकुंज आश्रम की विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए 50 लाख रुपए की देने की घोषणा भी की है।
गोशाला के शुभारंभ के अवसर पर तिरखेड़ी आश्रम के महाराज रामज्ञानी दास और महंत कमललोचन दास महाराज सहित कई संत पहुंचे हुए थे। शुक्रवार शाम जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कार्यक्रम में पहुंचे तो उनके बैठने के लिए मंच पर कुर्सी रखी गई थी। मुख्यमंत्री ने मंच के आसन पर विराजित ना होकर संतों के सम्मान में नीचे बैठना उचित समझा। इस पर मौजूद संतों ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा भी की।
सीएम ने निभाई परंपरा
संतों ने कहा कि भारत में परंपरा रही है कि हमेशा से धर्मगुरु ऊपर विराजित होते हैं और राजा उनका सम्मान करते हुए नीचे स्थान ग्रहण करते हैं। मुख्यमंत्री ने यह परंपरा निभाई है। उनकी नम्रता प्रशंसनीय है। संतों ने इस मौके पर मुख्यमंत्री के गोधन न्याय योजना की विशेष तौर पर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गो माता के संरक्षण के लिए जो यह कार्य मुख्यमंत्री ने शुरू किया है वह प्रशंसनीय है।