भारत में खिचड़ी एक लोकप्रिय व्यंजन है। अच्छी बात ये है कि यह बनाने में आसान है और पौष्टिक भी। इसे दाल और चावल को एकसाथ उबाल कर तैयार किया जाता है। वैसे भारत में खिचड़ी को अवसर और उद्देश्य के आधार अलग-अलग तरह की दालों के साथ कई तरीकों से पकाया जाता है। बीमारी से जल्दी रिकवर होने के लिए अक्सर लोग मूंग की दाल और चावल की खिचड़ी बनाते हैं। यह पेट के लिए काफी हल्की रहती है। गुजरात की कांग नो खिचड़ी से लेकर दक्षिण भारत के बीसी भेल भात तक इसके कई वेरिएशन्स हैं।
बता दें कि खिचड़ी की उत्पत्ति हजारों साल पहले हुई थी। यहां तक की मुगल भी घी, मसालों अैर सूखे मसालों से तैयार खिचड़ी के बेहद शौकीन थे। वैसे हममें से ज्यादातर लोग खिचड़ी को बीमारी में खाना ही मुनासिब समझते हैं। लेकिन शायद आप नहीं जानते कि खिचड़ी केवल बीमारी में ही नहीं, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए जानी जाती है।
खिचड़ी के कई अवतार वजन घटाने, थायरॉइड, पीसीओएस, अनिद्रा, चिंता, माइग्रेन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं।