कोविड-19 से एक बार इफेक्टेड होने और ठीक हो जाने के बाद बहुत से लोगों का यह मानना है कि अब उन्हें कोविड-19 का खतरा नहीं है और अगर इंफेक्शन हो भी जाता है तो सिम्टम्स इतने खतरनाक नहीं होंगे। डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर में हुए रिसर्च के अनुसार ऐसे लोगों को भी इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। हां यह बात सही है कि जिन लोगों को पहले कोविड-19 ने प्रभावित किया है। उनकी बॉडी में इसके प्रति नेचुरल इम्यूनिटी डेवलप हो जाती है। लेकिन इम्यूनिटी रिस्पांस अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह का होता है।
जब आप कोविड 19 वायरस से संक्रमित होते हैं आपकी बॉडी इम्यून रिस्पांस देने लगती है। जो फॉरेन पार्टिकल से लड़ने के लिए तैयार हो जाती है। जब इम्यून सिस्टम वायरस को पहचान जाता है वह उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है और WBC प्रोड्यूस होता हैं। जो उससे लड़ने का काम करते हैं।
इस पूरे सिस्टम को इनैट इम्यून रिस्पांस कहा जाता है। लेकिन यह भी बताया जाता है कि जैसे ही पेशेंट कोविड-19 से रिकवर कर लेता है और उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है। धीरे-धीरे इम्यून सिस्टम उस फॉरेन पार्टिकल के प्रति कमजोर पड़ने लगता है।