पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ के लिए मिले थे 5000 रु.

पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ के लिए मिले थे 5000 रु.

अमिताभ बच्चन जिंदगी के 79वें साल में प्रवेश कर रहे हैं। ज्यादातर लोग इस उम्र में पिछली कमाई पर गुजारा कर रहे होते हैं, पर अमिताभ फिल्मों, ब्रांड एंडोर्समेंट और टीवी शो के जरिए आज के सबसे व्यस्त कलाकारों में से एक हैं और साथ ही कमाई के नए रिकॉर्ड भी कायम कर रहे हैं। कोलकाता में 500 रुपए से कमाई की शरुआत करने वाले और 1999 में दिवालिया होने की कगार पर पहुंचने वाले अमिताभ फिर ऐसे ऊपर आए कि आज 3000 करोड़ की नेटवर्थ के साथ विश्व के आठवें सबसे अमीर माने जाते हैं।

शोले के 1 लाख मिले, खुदा गवाह के बाद 3 करोड़ फीस हुई
1969 में आई पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ के लिए अमिताभ को 5000 रुपए मिले थे। इसके बाद लगातार आठ फिल्में फ्लॉप हुईं। चार साल के बाद 1973 में ‘जंजीर’ से नसीब चमक उठा। इसके बाद एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में आती गईं और वह उस समय के हाईएस्ट पेड एक्टर बन गए। क्लासिक फिल्म ‘शोले’ में जय के किरदार के लिए अमिताभ को एक लाख रुपया मिला था । इसके पांच साल बाद ‘शान’ फिल्म आई तब तक उनकी फीस बढ़ते-बढ़ते 9 लाख रुपया हो चुकी थी।

1996 में खुदा गवाह आई। इसके बाद उनकी फीस 3 करोड़ तक हो चुकी थी। आज अमिताभ, रोल कितना लंबा है और कितने दिन का शेड्यूल होगा, उसके आधार पर 15 से 20 करोड़ रुपया चार्ज करते हैं।

मिस वर्ल्ड इवेंट ने डुबो दिया था
ऐसा भी नहीं है कि अमिताभ ने फिल्मों में एक बार कमाना शुरू किया तो सारी जिंदगी उनकी कमाई का ग्राफ एक समान ऊपर ही बढ़ता गया। 1999 में वह दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए थे। उनकी एबीसीएल कंपनी ने 1996 में बेंगलुरु में ‘मिस वर्ल्ड’ इवेंट के मैनेजमेंट का काम लिया था। इस इवेंट में उन्हें सात करोड़ रुपए का घाटा हुआ। इस कंपनी ने ‘मृत्युदाता’ फिल्म बनाई, वह भी बुरी तरह से फ्लॉप हुई।

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