इमरान खान सरकार एक नए बिल के साथ मीडिया पर पहले ही सख्त पाबंदियां लगाने की तैयारी कर रही थी, अब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। TTP ने तमाम मीडिया हाउस के नाम एक खुला खत लिखा है। इसमें कहा गया है कि अब से कोई भी मीडिया हाउस उसे यानी तालिबान पाकिस्तान को आतंकी संगठन नहीं लिखे या कहे। आतंकी संगठन ने धमकी दी है कि अगर ऐसा हुआ तो इस तरह के लोगों से वही बर्ताव किया जाएगा जो दुश्मनों के साथ किया जाता है।
सोशल मीडिया पर जारी किया बयान
TTP ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया। यह बयान उसके प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने जारी किया है। इसमें तालिबान पाकिस्तान के लिए इस्तेमाल किए जा रहे नामों पर सख्त नाराजगी जाहिर की गई है।
खुरासानी ने कहा- TTP के लिए मीडिया हाउस आतंकी और कट्टरपंथी संगठन जैसे शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं। यह पत्रकारिता के नाम पर किया जा रहा गलत काम है। इसे सहन नहीं किया जाएगा। अब यह काम करने वाले लोगों के साथ हम वही बर्ताव करेंगे जो दुश्मनों के साथ करते हैं।
14 साल पहले बना था TTP
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान 2007 में बना था। यह अफगानिस्तान तालिबान का ही हिस्सा है। यह पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करवाना चाहता है। पाकिस्तान सरकार ने इसे 2008 में बैन कर दिया था। बैतुल्लाह महसूद इसका पहला सरगना था। उसे एक अमेरिकी ड्रोन हमले में 2009 में मार गिराया गया था।