भारत ने इस बार सभी तरह के मेडल जीतने का भी रिकॉर्ड कायम कर दिया। इस बार भारत के नाम 5 गोल्ड रहे। इससे पहले भारत किसी भी पैरालिंपिक गेम्स में 2 से ज्यादा गोल्ड नहीं जीत पाया है। इसी तरह भारत ने टोक्यो में 8 सिल्वर जीते। भारत ने इससे पहले कुल मिलाकर 4 सिल्वर जीते थे। एक पैरालिंपिक में इससे पहले कभी 2 से ज्यादा सिल्वर नहीं आए थे। ब्रॉन्ज इस बार 6 जीते। इससे पहले कुल 4 ब्रॉन्ज जीते थे। ब्रॉन्ज भी इससे पहले किसी एक पैरालिंपिक में 2 से ज्यादा नहीं मिले थे।टोक्यो ओलिंपिक के बाद टोक्यो पैरालिंपिक में भी भारत ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है। ओलिंपिक में भारत ने 1 गोल्ड सहित 7 मेडल जीते। यह किसी भी 1 ओलिंपिक गेम्स में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। हमारे पैरा एथलीट इससे भी आगे निकल गए। उन्होंने टोक्यो में हुए 16वें पैरालिंपिक गेम्स में शारीरिक खामियों पर विजय पाते हुए देश के लिए 19 मेडल जीते। इसमें 5 गोल्ड मेडल शामिल हैं। यह पैरालिंपिक में भारत का रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन है। भारत ने इससे पहले 53 सालों में 11 पैरालिंपिक में हिस्सा लेते हुए कुल 12 मेडल जीते थे। यानी इस इवेंट में भारत ने पिछले तमाम इवेंट में जीते मेडल की तुलना में 42% ज्यादा सफलता हासिल की।
पैरालिंपिक खेलों में देश के लिए सबसे पहला गोल्ड शूटिंग स्पर्धा में अवनि लेखरा ने जीता। जयपुर की अवनि ने महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 में पहला स्थान हासिल करके गोल्ड मेडल जीता।
भारत के लिए दूसरा गोल्ड जेवलिन थ्रो में सुमित अंतिल के खाते में आया। सुमित ने जेवलिन थ्रो की F64 कैटेगरी में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने फाइनल में 68.55 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ मेडल जीता।
तीसरा गोल्ड 19 वर्षीय शूटर मनीष नरवाल के खाते में आया। मनीष ने मिक्सड 50 मीटर SH1 में गोल्ड मेडल जीता। नरवाल ने फाइनल में 209.1 का स्कोर किया।
वहीं दो गोल्ड बैडमिंटन में आए। प्रमोद भगत SL3 में चौथा गोल्ड जीता। वहीं SH6 में कृष्णा नागर ने आखिरी दिन भारत को गोल्ड दिलाया।