अब बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाने के लिए बार-बार स्टेटिंस दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे कंट्रोल करने के लिए इंजेक्शन के रूप में दवा उपलब्ध कराई जा चुकी है। इसे इक्लिसिरेन नाम दिया गया है।
इस इंजेक्शन को साल में दो बार लगवाना होगा। इसकी शुरुआत बुधवार को यूके की हेल्थ एजेंसी NHS ने कर दी है। एक्सपर्ट्स इसे ‘गेम चेंजिंग’ ट्रीटमेंट यानी बड़ा बदलाव लाने वाला इलाज बता रहे हैं।
नए इंजेक्शन से कितना फायदा होगा, यह किन मरीजों को मिलेगा, भविष्य में इसका क्या असर पड़ेगा, जानिए इन सवालों के जवाब…
50 फीसदी तक घट जाएगा बैड कोलेस्ट्रॉल
आसान भाषा में समझें तो कोलेस्ट्रॉल एक चर्बी वाला चिपचिपा पदार्थ होता है जो रक्त वाहिकाओं में इकट्ठा होता है। धीरे-धीरे यह इकट्ठा होकर हार्ट अटैक, स्ट्रोक और धमनियों के डैमेज होने की वजह बनता है। इसे वैज्ञानिक भाषा में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं।
रिपोर्ट के मुताबबिक, मरीजों को इसे हर 6 माह में लगवाना होगा और उन्हें कोलेस्ट्रॉल की दवा खाने से निजात मिल जाएगी। नया इंजेक्शन लगवाने के बाद मरीजों में 50 फीसदी तक घट जाएगा कोलेस्ट्रॉल।