वैज्ञानिकों ने शरीर में रक्त के थक्के पता लगाने के लिए नई जांच विकसित की है। डाई की मदद से देखा जा सकता है कि शरीर के किस हिस्से में रक्त के थक्के जमे हैं। शरीर में रक्त के थक्कों का पता लगना जरूरी है क्योंकि ये हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाते हैं। यह रिसर्च करने वाली एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है, नई जांच की मदद से हृदय के बाहर मौजूद ब्लड में ब्लड क्लॉट्स देखे जा सके हैं।
ऐसे पता लगाते हैं रक्त के थक्के
शोधकर्ताओं का कहना है, शरीर में जहां-जहां ब्लड क्लॉटिंग हुई है उस हिस्से की धमनियों में ब्लॉकेज हो जाता है। ब्लॉकेज होने पर धमनियां डैमेज हो जाती हैं। शोधकर्ताओं ने नई जांच के ट्रायल के लिए 94 मरीजों को चुना। इन मरीजों के हाथ में डाई को इंजेक्ट किया।
यह डाई ब्लड में मिलकर पूरे शरीर में फैल जाती है। जहां-जहां धमनियों में डैमेज होता है वहां पर डाई के पहुंचने पर एक तरह का प्रकाश पैदा होता है। इस प्रकाश को अल्ट्रा स्कैन के जरिए देखा जाता है। जहां-जहां स्पॉट दिखाई देते हैं, वहां-वहां रक्त के थक्के देखे जा सकते हैं।
इसलिए एंजियोग्राम से बेहतर है नया टेस्ट
- शोधकर्ताओं का कहना है, इन थक्कों को समय पर पहचानकर हार्ट अटैक का खतरा कम किया जा सकता है। टेस्ट का नया तरीका एंजियोग्राम के मुकाबले सुरक्षित है।
- एंजियोग्राम में बारीक ट्यूब की मदद से हार्ट के आसपास मौजूद धमनियों में ब्लॉकेज और डैमेज का पता लगाया जाता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि एंजियोग्राम में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा रहता है। हालांकि ऐसे मामले दुर्लभ होते हैं। नए टेस्ट के इस खतरे को भी कम किया जा सकता है।
- यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, यह टेस्ट करने पर 80 फीसदी तक खतरनाक रक्त के थक्कों का पता चला। जबकि उन्हीं मरीजों का एंजियोग्राम करने पर मात्र 60 फीसदी ही थक्के देखे गए।