तालिबान के एक बड़े नेता ने भारत को एशिया की एक बड़ी ताकत बताते हुए कहा है कि अफगानिस्तान भारत के साथ करीबी और मजबूत रिश्ते चाहता है। इनमें ट्रेड, इकोनॉमिक और पॉलिटिकल रिलेशन शामिल हैं। यह बयान तालिबानी लीडर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनेकजई ने दिया है। शेर मोहम्मद का 1980 के दशक में भारत से करीबी रिश्ता रहा है। वे तालिबान के उन गिनेचुने नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने फॉर्मल मिलिट्री ट्रेनिंग ली है और जिन्हें विदेशी मामलों का खासा तर्जुबा है।
तालिबानी नेता के इस बयान के बाद पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर कई बहस शुरू हो गईं। कुछ में कथित विशेषज्ञ यहां तक कह रहे हैं कि तालिबान ने अपना असली रंग दिखा दिया है और वो पाकिस्तान से ज्यादा भारत को तवज्जो देगा।
करीबी रिश्तों की चाहत
शेर मोहम्मद ने सोशल मीडिया पर पश्तो में एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने कहा- हम भारत से मजबूत रिश्ते चाहते हैं। हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान के विकास में भारत भी साथ दे। हम उसके साथ ट्रेड, इकोनॉमिक और पॉलिटिकल रिलेशन चाहते हैं। भारत इस क्षेत्र का बेहद अहम देश और ताकत है। हमारे रिश्ते पहले जैसे थे, आगे भी वैसे ही होने चाहिए। पाकिस्तान के रास्ते भारत से ट्रेड एक अहम जरिया है। हम एयर कॉरिडोर बनाने पर भी विचार कर सकते हैं।
शेर मोहम्मद 1980 के दशक में देहरादून की इंडियन मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग ले चुके हैं। कुछ साल अफगान आर्मी में रहने के बाद उन्होंने इसे छोड़ दिया और तालिबान के साथ चले गए।
सरकार में सभी ग्रुप शामिल हों
अब्बास के मुताबिक, तालिबान चाहता है कि एक ऐसे सरकार बनाई जाए, जिसमें अफगानिस्तान के सभी समुदायों को दलों के लोग शामिल हों। उन्होंने कहा- सभी वर्ग और समुदायों, जनजातियों के अच्छे लोगों को आगे आकर एक मजबूत और अच्छी सरकार बनानी चाहिए। इसके लिए हमारी लीडरशिप सभी से बातचीत कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही सारी चीजें साफ हो जाएंगी।