केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों को लेकर पंजाब में कांग्रेस सरकार की अपनाई रणनीति अब हरियाणा और दिल्ली पर भारी पड़ रही है। किसान आंदोलन के चलते हरियाणा में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हालांकि, इन सबके बीच पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार पूरे बवाल से खुद को बचाने में कामयाब रही और यह सब तय रणनीति के तहत हुआ। इस कारण हरियाणा की खट्टर सरकार को दिल्ली जा रहे किसानों के आंदोलन से दो-दो हाथ करने पड़ रहे हैं।
दरअसल, जब केंद्र सरकार कृषि सुधार कानून लेकर आई थी तो बतौर विपक्षी दल कांग्रेस की पंजाब में चल रही सरकार ने इसका राजनीतिक विरोध शुरू कर दिया। उस वक्त जब पंजाब में किसानों को कृषि सुधार कानूनों के बारे में जानकारी दी जानी थी तो कैप्टन सरकार खुलकर इसके विरोध में आ गई। कैप्टन सरकार ने विधानसभा में भी इन कानूनों को रद्द करने का प्रस्ताव पास कर दिया, यह जानते हुए भी कि केंद्रीय कानून के समक्ष इसका कोई महत्व नहीं था। इसके बाद पंजाब में किसानों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए, लेकिन सरकार व राज्य के मुख्य विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इसे समर्थन मिला तो संघर्ष चलता रहा।