एंटी-ट्रस्ट कानून के तहत एपल-ओपनएआई पर मामला, कंपनियों पर बाजार में पकड़ बढ़ाने का आरोप

एंटी-ट्रस्ट कानून के तहत एपल-ओपनएआई पर मामला, कंपनियों पर बाजार में पकड़ बढ़ाने का आरोप

व्यापार: एपल और चैटजीपीटी निर्माता ओपनएआई एलन मस्क की कंपनी एक्स कॉर्प द्वारा दायर उस मुकदमे को खारिज नहीं करा सके जिसमें स्मार्टफोन व जनरेटिव एआई चैटबॉट्स के बाजारों पर एकाधिकार करने की साजिश का आरोप था। एपल-ओपनएआई टेक्सास में फोर्ट वर्थ में अमेरिकी जिला जज मार्क पिटमैन को यह केस खत्म कराने के लिए तर्क पेश करने में नाकाम रहे।

अपने फैसले में जज ने कहा, मस्क का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स व स्टार्टअप एक्सएआई फिलहाल अपने मुकदमे को आगे बढ़ा सकते हैं, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के प्रभुत्व की लड़ाई में अरबपति उद्यमी की प्रारंभिक जीत है। जज ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि उनके फैसले को एक्स के आरोपों के गुण-दोष पर निर्णय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और वह मामले में बाद के चरण में तथ्यों पर विवादों पर विचार करेंगे। मस्क कंपनियों का कहना है कि एपल ने एंटी-ट्रस्ट कानून का उल्लंघन किया है। ओपनएआई ने मुकदमे को मस्क के उत्पीड़न के चल रहे पैटर्न के अनुरूप बताया और कहा कि हम इसे अदालत में साबित करने के लिए उत्सुक हैं।

एपल ने एंटी-ट्रस्ट कानून का किया साफ उल्लंघन
कोर्ट के फैसले पर एपल और एक्स की तरफ से कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं आई है। मस्क की कंपनियों ने अगस्त में दायर मुकदमे में दावा किया था कि एपल ने आईफोन और अन्य उपकरणों पर खुफिया सुविधाओं में चैटजीपीटी को विशेष रूप से एकीकृत करके एंटी-ट्रस्ट कानून का उल्लंघन किया है। मुकदमे में आरोप लगाया गया कि एपल ने ओपनएआई के साथ साझेदारी में प्रतिद्वंद्वियों को अवैध रूप से बाहर कर दिया है।

ओपनएआई सौदा अनन्य नहीं
एक्स और एक्सएआई ने यह भी आरोप लगाया कि एपल ने एप स्टोर में प्र

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