व्यापार: वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल नरम पड़ने और जरूरी चीजों की कीमतें घटने के कारण भारत के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति में गिरावट दिखी है। अक्तूबर 2025 में खुदरा महंगाई दर 0.4 प्रतिशत से 0.6 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद है। बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी की दरों को युक्तिसंगत बनाने और वैश्विक कमोडिटी कीमतों में कमी से महंगाई नरम बनी हुई है।
सीपीआई महंगाई दर सितंबर में 8 वर्षों के निचले स्तर पर रही
भारत की समग्र सीपीआई महंगाई दर सितंबर 2025 में 1.54 प्रतिशत थी और यह 8 साल का निचला स्तर है। यह अगस्त 2025 के 2.07 प्रतिशत से भी कम है। महंगाई में आई इस कमी का मुख्य कारण खाने-पीने की चीजों में कमी आना था। यह जून 2017 के बाद से सबसे कम वार्षिक मुद्रास्फीति दर थी।
बीओबी के आवश्यक वस्तु सूचकांक (BoB ECI) के अनुसार प्रमुख वस्तुओं की कीमतें अक्तूबर 2