व्यापार: दिल्ली हाईकोर्ट ने शेयर बाजार में निवेश के बाद रिश्वत के पैसे से हुई आमदनी को अपराध से हुई आय माना है। अदालत ने कहा है कि यह राशि के खिलाफ धन शोधन से जुड़े कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है। हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल कीमत बढ़ जाने से किसी गलत स्रोत से हुई आमदनी पवित्र नहीं हो जाती। अदालत ने इस बारे में कहा कि बढ़ा हुआ मूल्य रिश्वत के मूल अवैध स्रोत का इस्तेमाल कर ही हासिल किया जाता है, इसलिए इसे सही नहीं माना जा सकता।
न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने 3 नवंबर के फैसले में कहा, “धनशोधन से जुड़े अपराध केवल आपराधिक अधिग्रहण के प्रारंभिक कृत्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आय से जुड़ी हर प्रक्रिया या गतिविधि तक फैला हुआ है, जिसमें कई लेनदेन के माध्यम से स्तरीकरण, वैध अर्थव्यवस्था में एकीकरण और अर्जित धन को वैध के रूप में पेश करना शामिल है।”
उदाहरण देते हुए पीठ ने कहा कि यदि कोई लोक सेवक रिश्वत लेता है तो यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध है। इसके बाद बाद वह उस राशि को मादक पदार्थों के व्यापार, अचल संपत्ति, तरजीजी शेयरों या किसी अन्य माध्यम का इस्तेमाल