मुंबई: बचपन की यादें ताउम्र साथ रहती हैं। किसी त्योहार और आयोजन पर मन फिर-फिरकर उन यादों में लौटता है। ऐसा ही कुछ हुआ पंकज त्रिपाठी के साथ, जब हाल ही में उनके सामने जिक्र छिड़ा दिवाली का। इंडस्ट्री में बड़ा ओहदा हासिल कर चुके अभिनेता के दिल में बचपन वाली दिवाली की यादें आज भी धड़कती हैं। अमर उजाला के साथ खास बातचीत में उन्होंने बचपन की उस साधारण, लेकिन यादगार दिवाली और जीवन में रोशनी की अहमियत को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनके लिए यह त्योहार सिर्फ मिठाई और दीयों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रिश्तों की मजबूती का प्रतीक भी है।
‘बचपन की साधारण, लेकिन खास दिवाली’