भोपाल :
मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में नृत्य, गायन एवं वादन पर केंद्रित गतिविधि “संभावना” का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 10 अगस्त को अग्नेश केरकेट्टा एवं साथी, भोपाल द्वारा उरांव जनजाति नृत्य सरहुल एवं उमाशंकर नामदेव एवं साथी, दमोह द्वारा राई नृत्य की प्रस्तुति दी गई। अग्नेश केरकेट्टा एवं साथी, भोपाल द्वारा उरांव जनजाति नृत्य सरहुल की प्रस्तुति दी गई। मध्यप्रदेश के जनजातियों में उराँव जनजाति रायगढ़ जिले की जशपुर तहसील के आसपास निवास करती हैं। उराँव जनजातियों का सर्वाधिक प्रसिद्ध नृत्य है सरहुल। उराँव जनजाति शाल सरई वृक्ष में अपने ग्राम देवता का निवास मानती हैं, इसलिए वर्ष में एक बार चैत्र मास की पूर्णिमा को शाल वृक्ष की पूजा करते हैं और शाल वृक्ष के आसपास नृत्य करते हैं। शाल वृक्ष पर सफेद कपड़े का झण्डा फहराया जाता है।