प्रदेश में गुलाबी ठंड शुरु होने से पहले ही सरकार उससे निपटने की तैयारी में लग गई है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव रीता शांडिल्य ने सभी संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को पत्र जारी कर ठंड से लोगों को बचाने के व्यापक दिशानिर्देश जारी किया है।
यह दिशा निर्देश राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी निर्देशों के आधार पर तैयार हुआ है। इसके तहत स्थानीय प्रशासन को लोगों को शीतलहर से बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था रखने को कहा गया है।
आवासहीन लोगों के लिए रैन बसेरे व अस्थायी शरण स्थल बनाने को कहा गया है। ठंड से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज का इंतजाम सीएमओ के जिम्मे किया गया है।
छत्तीसगढ़ में सामान्यतः दिसम्बर से जनवरी के बीच अधिक ठंड महसूस होती है। संभावना जताई जा रही है, ला-नीना प्रभाव की वजह से इस बार ठंड पहले आएगी और अधिक देर तक बनी रहेगी।