नई दिल्ली: 500 सालों का इंतजार, कई बलिदान और संघर्ष आज खत्म हो गए। दुल्हन सी सजी अयोध्या नगरी में प्रभु श्री राम आखिरकार पुन: वापस आ गए। वही अयोध्या जो त्रेतायुग में उनकी थी, जिसके वो राजा थे। दोपहर 12:29 से 12:30 बजे के बीच के वो 84 सेकेंड के शुभ मुहुर्त में सभी भारतीयों ने रामलला की उस अलौकिक छटा के दर्शन किए। पीएम मोदी ने कहा कि अब हमारे राम टेंट में नहीं रहेंगे। क्रिकेट जगत, बॉलीवुड और उद्योग जगत के अलावा संतों की भीड़ इस ऐतिहासिक पल की साक्षी बनी। लेकिन दिखाई नहीं दिया तो बस विपक्ष। जिस मंदिर ट्रस्ट ने समारोह का आयोजन किया , उन्होंने कई विपक्षी नेताओं को भी बुलाया था, लेकिन उन्होंने दूर रहने का फैसला किया। कुछ का कहना है कि बीजेपी धार्मिक आयोजन का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है विपक्ष की ओर से किसी ने इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं की। तो विपक्ष था कहां और भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समय क्या कर रहा था? आइए आपको बताते हैं।