माले: मालदीव के नए राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज्जू भारत विरोध के जरिए लगातार संबंधों को खराब करने में जुटे हैं। इसी बीच वह चीन की यात्रा पर जा सकते हैं। चीन और मालदीव राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की बीजिंग की द्विपक्षीय यात्रा को लेकर बातचीत कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो मुइज्जू भारत की यात्रा से पहले चीन की यात्रा करने वाले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मालदीव के पहले राष्ट्रपति बन जाएंगे। पुराने राष्ट्रपतियों के रास्ते से हटकर मुइज्जू ने भारत की जगह सबसे पहले तुर्की का दौरा किया।
साल 2008 में बहुदलीय लोकतंत्र की शुरुआत के बाद से मालदीव के हर राष्ट्रपति ने पहली विदेश यात्रा के तौर पर भारत का दौरा किया था। इसमें 2012 में मोहम्मद वहीद और 2 साल बाद अब्दुल्ला यामीन जैसे कट्टर भारत-विरोधी नेता भी शामिल रहे हैं। इस कदम को भारत पहले की नीति के तौर पर देखा जाता रहा है। हालांकि चीन भी तीसरा देश होगा, जहां मुइज्जू जाएंगे। एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि तुर्की यात्रा के जरिए उन्होंने भारत और चीन दोनों को यह संकेत दिया है कि मालदीव अपने विकास के लिए किसी पर भी निर्भर नहीं रहेगा।