विपक्षी दलों और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों के विरोध के बाद अब मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों(ईसी) का दर्जा सुप्रीम कोर्ट के जजों के बराबर ही रहेगा। साथ ही उनके खिलाफ चुनाव आयोग में रहने के दौरान किए गए किसी काम के लिए मुकदमा भी नहीं चलाया जा सकेगा। सरकार द्वारा लाए गए इन संशोधनों के साथ मंगलवार को राज्यसभा ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें एवं पदावधि) विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया। यह विधेयक मुख्य रूप से सीईसी और ईसी की चयन की प्रक्रिया के लिए लाया गया है। प्रधानमंत्री अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति सीईसी और ईसी का चयन करेगी।