नई दिल्ली: अब यूरिया खाद के लिए किसी दूसरे देश का मुंह ताकना नहीं होगा। भारत शीघ्र ही यूरिया मैन्यूफैक्चरिंग में भी आत्मनिर्भर होने जा रहा है। यह जानकारी देश में रासायनिक उर्वरक बनाने वाली कंपनियों का शीर्ष संगठन फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दी है। संगठन का कहना है कि इस समय देश में 80 लाख टन यूरिया की मैन्यूफैक्चरिंग कैपिसिटी डेवलप की जा रही है। इसके दो साल के अंदर तैयार हो जाने की उम्मीद है।
एफएआई के अध्यक्ष सुरेश कृष्णन का कहना है कि अगले दो साल में भारत यूरिया के निर्माण में आत्मनिर्भर हो जाएगा। कृष्णन रासायनिक उर्वरक बनाने वाली कंपनी पारादीप फास्फेट लिमिटेड के मैनेजिंग डाइरेक्टर भी हैं। उन्होंने बताया कि इस समय देश में हर साल करीब 350 लाख टन यूरिया की खपत है। इसमें से करीब 285 लाख टन यूरिया का उत्पादन देश में हो जा रहा है।