चुनावी शोरगुल में बीता 200 से ज्यादा दिन

चुनावी शोरगुल में बीता 200 से ज्यादा दिन

चुनावी साल होने के कारण राजधानी में इस साल धरना-प्रदर्शन, घेराव सहित वीआईपी मूवमेंट अधिक हुए। इस दौरान थानेदारों से लेकर पुलिस के अन्य स्टाफ की ड्यूटी इसमें लगती रही। इसके चलते थानों का रूटीन कामकाज में काफी असर पड़ा। कई पेंडिंग मामलों की जांच पूरी नहीं हो पाई, तो कई मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इस बार साल के 365 दिन में से 200 से ज्यादा दिन लॉ एंड आर्डर, वीआईपी ड्यूटी, धरना-प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रम हुए, जिसमें ट्रैफिक के अलावा थानों के स्टाफ की ड्यूटी लगी। कई बार बाहर से भी फोर्स बुलाना पड़ा था।

दिसंबर माह थानेदारों के लिए अहम होता है। इस माह में थाने के अधिकांश मामलों का निपटारा करने की कोशिश करते हैं। शिकायतों पर कार्रवाई, चालान पेश करना, फरार आरोपियों की गिरफ्तारी, अधूरी जांच को पूरा करना आदि काम करते हैं। कोशिश करते हैँ कि ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निराकरण हो जाए, ताकि थाने का परफार्मेंस बेहतर हो सके।

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