अशांत क्षेत्रों में कानून व्यवस्था सुदृढ़ रहे इसलिए भारत सरकार की ओर से AFSPA कानून को लागू किया जाता है। इस कानून के अंतर्गत सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में तलाशी लेने, संदेह के आधार पर गिरफ्तार करने समेत कई अधिकार दिए जाते हैं।
नार्थईस्ट के राज्यों में अभी भी कानून व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई है। मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई हिंसा आज भी जारी है। यहां भी बड़ी संख्ये में सुरक्षाबलों को स्थिति में नियंत्रण लाने के लिए तैनात किया गया है। अब गृह मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ हिस्सों में ‘आर्म्ड फोर्सेज (स्पेशल पॉवर्स) एक्ट’ (AFSPA) की अवधि आने वाले एक अक्टूबर से अगले छह महीने यानी मार्च 2024 तक के लिए बढ़ा दी है। यह कानून अशांत और हिंसक क्षेत्रों में तैनात सशस्त्र बलों को कानून व्यवस्था नियंत्रण में रखने के लिए जरूरी समझे जाने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की शक्तियां प्रदान करता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा है “अरुणाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की फिर से समीक्षा की गई है। इसलिए अब अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थाना क्षेत्रों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की एक अक्टूबर 2023 से अगले छह महीने के लिए, या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है।”