बात इसी साल अप्रैल की है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने एडटेक स्टार्टअप बायजूस के ऑफिस पर छापा मारा। ये मामला विदेशी करेंसी के उल्लंघन से जुड़ा था। जब छापेमारी हुई तो कंपनी के मालिक रवींद्रन मिडिल ईस्ट के निवेशकों से 1 बिलियन डॉलर का फंड जुटाने के लिए दुबई में थे। वो अपने अपार्टमेंट में घूमते हुए ब्लैक कॉफी पी रहे थे। तभी कंपनी के टॉप इन्वेस्टर्स की कॉल आने लगी।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार रवींद्रन अपनी कंपनी का बचाव करते हुए रोने लगे। प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई कुछ लोगों की शिकायतों के आधार पर की थी। रवींद्रन पर यह भी आरोप है कि उनके नाम पर कई समन जारी हुए, लेकिन वह ED के सामने कभी पेश नहीं हुए। इसके अलावा कई अमेरिकी निवेशकों ने बायजूस पर 50 मिलियन डॉलर छिपाने का आरोप लगाया है और मुकदमे दायर किए हैं।
सलाह नहीं मानने के कारण डायरेक्टर्स का इस्तीफा
इससे पहले मंगलवार को कंपनी के शुरुआती निवेशकों में से एक, प्रोसस NV ने बताया कि कंपनी की खराब प्रशासनिक व्यवस्था और डॉयरेक्टर्स की सलाह नहीं मानने के कारण बोर्ड से इस्तीफा दिया है। हालांकि बायजूस ने इससे इनकार किया है। हाल ही में पीक वीएक्स पार्टनर्स के जीवी रविशंकर, चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव के विवियन वु और प्रोसस के रसेल ड्रिसेनस्टॉक ने भी Byju’s का बोर्ड छोड़ दिया था।