ChatGPT, गूगल बार्ट जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट ने कामकाज को आसान किया है। ये खर्च और समय बचाने के लिए भी आकर्षक मददगार साबित हो रहे हैं।
इसके बावजूद चीन, रूस, ईरान जैसे देश और कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने इनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है या इसे सीमित स्तर पर ही उपयोग करने की अनुमति दे रही हैं।
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि AI पर निर्भरता आगे चलकर इंसानों पर भारी पड़ने का जोखिम है। निजी जानकारी और निजी टेक्निकल खासियतों के लीक या चुराए जाने का भी खतरा है। साथ ही AI से नौकरियों के कम हाेने का भी जोखिम है।
मानवता पर भारी पड़ेगा AI
एक सर्वे के मुताबिक, 42% CEO का कहना है कि AI 5 से 10 सालों में मानवता पर भारी पड़ेगा। 12 हजार पेशेवरों पर किए गए अन्य सर्वे के अनुसार, 43% कर्मचारी बॉस को बताए बिना काम पर ChatGPT जैसे AI प्लेटफॉर्म का यूज करते हैं। इससे कंपनियों की अपनी गोपनीयता लीक का जोखिम बढ़ जाता है।