मणिपुर में 3 मई से हिंसा शुरू हुई और 46 दिन गुजर जाने के बावजूद ये थमने का नाम नहीं ले रही है। 16 जून यानी शुक्रवार की रात भी हिंसा की 5 घटनाएं हुईं। इंफाल पश्चिम के इरिंगबाम थाने पर हमला कर भीड़ ने हथियार लूटने की कोशिश की, हालांकि सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेड़ दिया।
उधर BJP विधायक विश्वजीत के घर में आग लगाने की कोशिश हुई। एक अन्य घटना में खोंगमन और सिंजेमाई में भीड़ ने BJP ऑफिस पर हमला किया। इंफाल के पोरमपेट में भीड़ ने BJP की महिला अध्यक्ष शारदा देवी के घर में तोड़फोड़ की। इसके अलावा इंफाल के ही पैलेस कंपाउंड में आग लगाने की कोशिश की गई।
कुकी और मैतेई के बीच जातीय हिंसा जारी है, लेकिन मणिपुर के CM एन. बीरेन सिंह ने दैनिक भास्कर से दावा किया है कि ये हिंसा म्यांमार से आए घुसपैठिए फैला रहे हैं। हालांकि ग्राउंड के हालात देखकर ये दावा सच नहीं लगता। मणिपुर में रहने के बाद हमें ये समझ आया कि कुकी और मैतेई कम्युनिटी के बीच नफरत की दीवार हर दिन बड़ी होती जा रही है। दोनों तरफ से एक-दूसरे पर हमले हो रहे हैं।