चीन ने कहा- इतिहास से सबक सीखें जापान के प्रधानमंत्री, इलाके के अमन को दांव पर न लगाएं

चीन ने कहा- इतिहास से सबक सीखें जापान के प्रधानमंत्री, इलाके के अमन को दांव पर न लगाएं

चीन ने जापान से कहा है कि वो जुलाई में होने वाले नाटो समिट में हिस्सा न ले। चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा- जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा NATO समिट में शिरकत के लिए लिथुआनिया न जाएं तो अच्छा होगा। इससे इस क्षेत्र का अमन बना रहेगा।

बयान में आगे कहा गया- जापान समेत हम सभी को इतिहास से सबक लेना चाहिए। किसी भी हरकत से इस इलाके का अमन दांव पर लग सकता है और इससे सभी को नुकसान होने का खतरा है।

जुलाई में होगी समिट

  • NATO समिट जुलाई में लिथुआनिया में होने वाली है। रूस-यूक्रेन जंग को एक साल से ज्यादा हो चुका है। इस लिहाज से यह समिट काफी अहम मानी जा रही है। जापान वैसे तो NATO का हिस्सा नहीं है, लेकिन अमेरिका और दूसरे सदस्य देशों ने उसे स्पेशल इनविटेशन दिया है।
  • जापान सरकार कह चुकी है कि प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा इस समिट में हिस्सा लेने के लिए लिथुआनिया जा सकते हैं। इसके बाद से चीन सरकार जापान पर दबाव बनाने के लिए तमाम हथकंडे इस्तेमाल कर रही है।
  • माना जा रहा है कि जापान और NATO के बाकी मेंबर्स टेक्नोलॉजी और इंटेलिजेंस शेयरिंग पर नए सिरे से कोई समझौता कर सकते हैं। इसके अलावा NATO प्लस पर भी विचार किया जा सकता है। इसमें भारत और जापान को इसमें शामिल करने का प्रपोजल दिया जा सकता है।

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