अंकारा: तुर्की में 14 मई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा। तुर्की की सत्ता में पिछले दो दशकों से हावी रेसेप तैयप एर्दोगन एक बार फिर राष्ट्रपति बनने की उम्मीद कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि उन्हें पांच साल और मौका मिले, जिससे वह तीसरी बार राष्ट्रपति बन सकें। इससे पहले वह 2003 से 2014 तक तीन बार प्रधानमंत्री रहें है। इसके बाद वह लगातार राष्ट्रपति रहे। अभी तक उनकी लड़ाई कुछ हद तक आसान रहती थी। लेकिन इस बार उनके विरोध में पूरा विपक्ष एक साथ इकट्ठा हो गया है।
उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी केमल किलिकडारोग्लू हैं, जिन्हें तुर्की के गांधी के नाम से भी जाना जाता है। केमल किलिकडारोग्लू गोल चश्मे के कारण महात्मा गांधी जैसे दिखते हैं और बेहद विनम्र हैं, इसलिए उनकी तुलना तुर्की का मीडिया महात्मा गांधी से करता है। शुक्रवार को उन्होंने समर्थकों की एक बड़ी भीड़ को संबोधित किया। उन्होंने शांति और लोकतंत्र बहाल करने की कसम खाई। तुर्की में मुख्य रूप से खराब अर्थव्यवस्था, महंगाई और फरवरी में आया विनाशकारी भूकंप मुद्दा है।