नई दिल्ली : एनसीपी संस्थापक शरद पवार के पार्टी चीफ का पद छोड़ने से महाराष्ट्र की सियासत में तूफान उठा हुआ है। एनसीपी नेता उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं लेकिन पवार अपने फैसले पर अडिग दिख रहे हैं। बवंडर भले एनसीपी के भीतर उठा है लेकिन पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस समेत विपक्ष की नजर तो है ही, बीजेपी भी करीबी निगाह रखी हुई है। पूरे सियासी बवंडर में 3 किरदार बहुत अहम हैं। एक तो शरद पवार खुद। दूसरी उनकी बेटी। तीसरे किरदार हैं पवार के भतीजे अजित। शरद पवार जैसे कद्दावर नेता के अहम फैसले से राष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल तेज है। मंगलवार को उन्होंने जैसे ही इस्तीफे का ऐलान किया, उसके कुछ देर बाद ही सुप्रिया सुले के पास कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का फोन पहुंचा। डीएमके चीफ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी सुले से बातचीत की। आइए समझते हैं महाराष्ट्र के सियासी बवंडर में ये दिल्ली वाला ‘गेम’ क्या है।