ब्रसेल्स: फिनलैंड मगंलवार को दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल हो गया। इसे रूस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के समय से ही इस ऐतिहासिक घटनाक्रम की आहट सुनाई दे रही थी। दस्तावेजों को सौंपने के साथ ही यह नॉर्डिक राष्ट्र आधिकारिक तौर पर दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन का सदस्य बन गया। ऐसे में अब नाटो के सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। फिनलैंड की सदस्यता का औपचारिक दस्तावेज खुद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सौंपा।
फिनलैंड की सदस्यता यूरोप के सुरक्षा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है। द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ से अपनी हार के बाद इस देश ने तटस्थता अपनाई थी, लेकिन इसके नेताओं ने यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण के कुछ महीने बाद ही संकेत दिया था कि वे नाटो गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं। यह कदम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए रणनीतिक और राजनीतिक रूप से झटका है। वह लंबे अरसे से शिकायत करते आए हैं कि नाटो रूस की ओर विस्तार कर रहा है। वहीं, गठबंधन का कहना है कि इससे मॉस्को को कोई खतरा नहीं है।