नई दिल्ली: फाइनेंशियल ईयर 2022-23 खत्म होने जा रहा है। यह साल आईपीओ मार्केट के लिए बहुत अच्छा नहीं रहा। बाजार में जारी भारी उतारचढ़ाव के कारण कई कंपनियों ने आईपीओ मार्केट से दूरी बनाकर रखी। इस साल आईपीओ के जरिए जुटाई गए राशि वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले आधे से अधिक घटकर 52,116 करोड़ रुपये रही। पिछले वित्त वर्ष में आईपीओ के जरिए 1,11,547 करोड़ रुपये जुटाये गए थे, जो अबतक का सर्वाधिक आंकड़ा है। प्राइम डेटाबेस के अनुसार केवल 37 कंपनियां 2022-23 में शेयर बाजारों में लिस्ट हुईं। यह 2021-22 में आए 53 आईपीओ से कहीं कम है। चालू वित्त वर्ष में जुटाई गई कुल राशि में 39 प्रतिशत यानी 20,557 करोड़ रुपये अकेले एलआईसी (LIC) ने जुटाए। अगर इसको हटा दिया जाए तो इस साल आईपीओ के जरिए केवल 31,559 करोड़ रुपये ही जुट पाते। इन सबके बावजूद वित्त वर्ष 2022-23 में आईपीओ के जरिये जुटाई गई राशि, तीसरी सबसे अधिक रकम है।