उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) एक्ट को रद्द कर दिया। इसे लेकर संसद में कोई चर्चा नहीं हुई। यह बहुत गंभीर और चौंकाने वाला मामला है।
उन्होंने कहा कि ज्यूडिशियरी कभी भी विधायिका या कार्यपालिका नहीं बन सकती है क्योंकि शासन के एक अंग की दूसरे अंग के काम करने के क्षेत्र में किसी भी तरह की घुसपैठ शासन की व्यवस्था को भंग कर सकती है। धनखड़ ने दिल्ली में 8वें डॉ. एल एम सिंघवी मेमोरियल लेक्चर में यह बात कही। प्रोग्राम में भारत के CJI डी वाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे।
सत्ता ‘हम भारत के लोग’ में निहित
उन्होंने कहा कि सत्ता हमारे संविधान की प्रस्तावना में लिखित ‘हम भारत के लोग’ वाक्यांश में निहित है। संसद लोगों की इच्छा को दर्शाती है। इसका मतलब है कि शक्ति लोगों में, उनके जनादेश और उनके विवेक में बसती है।