पायलट के विरोध में किस हद तक जाएगा गहलोत गुट

पायलट के विरोध में किस हद तक जाएगा गहलोत गुट

50 साल के राजनीतिक करियर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक नया रूप देखने को मिल रहा है। 2020 में पायलट खेमे की बगावत के बाद उन्होंने पहली बार अपने धुर विरोधी सचिन पायलट पर खुलकर हमला बोला है। इस हमले से राहुल गांधी की यात्रा के राजस्थान आने से 10 दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सियासी खींचतान का नया चैप्टर शुरू कर दिया है।

अब तक पायलट पर जो हमले गहलोत के समर्थक विधायक और मंत्री बोल रहे थे, अब खुद गहलोत ने उन पर मुहर लगा दी है। गहलोत ने समर्थक विधायकों की 25 सितंबर की बगावत को क्लीन चिट देकर खुद की सियासी लाइन को क्लीयर कर दिया है। इससे हाईकमान के फैसले पर भी सवालिया निशान लग गया है।

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