रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से विधानसभा के दो दिवसीय सत्र की शुरुआत हो रही है। कांग्रेस की सरकार एसटी-एससी और अन्य श्रेणी के लोगों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने के लिए कानून बनाने की योजना बनाई है। हाल ही में हाईकोर्ट के फैसले से उत्पन्न गतिरोध को हल करने के लिए विशेष सत्र बुलाया गया है। सरकार 2012 में आरक्षण 58 फीसदी तक ले जाने का फैसला किया था। इस पर कोर्ट ने कहा था कि 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दे सकते हैं, यह असंवैधानिक है। वहीं, अगर सरकार अपनी आनुपातिक-कोटा योजना के साथ चलती है तो वह छत्तीसगढ़ में 81 फीसदी तक आरक्षण दे सकती है। संभवत: यह देश में सबसे ज्यादा होगा।
ऐसे में संकेत हैं कि भूपेश बघेल सरकार एसटी के लिए 32 फीसदी, एससी के लिए 12 फीसदी और ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण पर विचार कर रही है।