संयुक्त राष्ट्र: भारत ने वैधता पर सवाल उठाते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव से दूरी बना ली, जिसमें यूक्रेन को युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई के लिए रूस से एक तंत्र स्थापित करने की मांग की गई है। भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने सोमवार को प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने के बाद कहा, ‘महासभा के प्रस्ताव की कानूनी वैधता स्पष्ट नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमें पर्याप्त अंतरराष्ट्रीय कानूनी पुनरीक्षण के बिना तंत्र नहीं बनाना चाहिए, जिसका संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली के भविष्य के कामकाज पर प्रभाव पड़ता हो।’
कम्बोज ने अपने भाषण में बगैर नाम लिए रूस की आलोचना करते हुए कहा कि वैश्विक व्यवस्था के सिद्धांतों का सम्मान किया जाना चाहिए। हालांकि प्रस्ताव के पक्ष में 94 मत पड़े। 14 मत प्रस्ताव के विरोध में पड़े। 73 देश मतदान से अनुपस्थित रहे। प्रस्ताव में आक्रमण के लिए रूस को कानूनी परिणाम भुगतने की चेतावनी देते हुए एक अंतरराष्ट्रीय रजिस्ट्री स्थापित करने और यूक्रेन को क्षतिपूर्ति के लिए एक तंत्र बनाने का आह्वान किया। प्रस्ताव ने 193-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र में गहराते ध्रुवीकरण को भी प्रतिबिंबित किया।