पिछले कुछ दिनों में रशिया के प्रवक्ता ने बार-बार ‘बातचीत’ का जिक्र किया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने एक बार कहा है रशिया बातचीत के रास्ते पर आगे बढ़ने को तैयार है और बातचीत से भी लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। पेसकोव के अलावा इस सप्ताह रूस की तरफ से ऐसे कई बयान सामने आए हैं जो इस बात पर जोर दे रहे हैं कि रूस वार्ता के लिए खुला है। क्या इसका मतलब ये माना जाए कि अब पुतिन को आठ महीने बाद ये समझ आ गया है कि वे यूक्रेन से जीत नहीं पा रहे ?
यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस भले ही बड़े दावे कर रहा हो लेकिन उसके कुछ हालिया कदम इस बात की गवाही देते हैं कि सबकुछ वैसा नहीं है जैसा पुतिन ने अनुमान लगाया था। रूस ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन में उसके “विशेष सैन्य अभियान” के लक्ष्य अपरिवर्तित हैं, लेकिन उन्हें बातचीत के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है। रूस ने भले ही सीधी बातचीत का आह्वान नहीं किया है लेकिन यह जरूर माना है कि यूक्रेन मुद्दे का हल ‘बातचीत’ से निकाला जा सकता है।