सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट का वो सितारा हैं, जिसने जब जो चाहा उन्हें वो मिला। टीम इंडिया की कप्तानी हो या फिर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की अध्यक्षता। अपने दम पर सब हासिल किया, लेकिन अब गांगुली के साथ कुछ भी अच्छा होता नजर नहीं आ रहा है। गांगुली ने जिस BCCI को 3 साल तक चलाया, अब उनके ही साथी उसके मुखिया की कुर्सी से उन्हें हटाना चाहते हैं।
दादा चाहते थे कि उन्हें एक बार फिर BCCI का अध्यक्ष बनाया जाए, लेकिन उनके ही लोगों ने उन्हें सिरे से खारिज कर दिया।
BCCI मीटिंग में क्या हुआ?
मुंबई में मंगलवार को BCCI हेड क्वार्टर में एक बड़ी मीटिंग हुई। यहां पूरे देश के क्रिकेट संघ से बड़े अधिकारी आए हुए थे। BCCI का नियम है कि पुराना अध्यक्ष ही नए अध्यक्ष का नाम प्रस्तावित करता है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि गांगुली ने ये नहीं किया। वो दूसरी बार BCCI अध्यक्ष बनना चाहते थे, लेकिन लोग उनके सपोर्ट में नहीं आए। ऐसे में उन्होंने अपनी नाराजगी छिपाने की कोई कोशिश भी नहीं की।