भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की इस हफ्ते मीटिंग होने जा रही है। इसमें नीतिगत रेपो रेट (repo rate) में 50 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी का फैसला हो सकता है। ईटी द्वारा 22 मार्केट एक्सपर्ट्स के बीच कराए गए पोल में यह बात सामने आई है। इनमें से अधिकांश का कहना है कि केंद्रीय बैंक पॉलिसी रेट में आधा फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। यूरोप ने एक दशक में पहली बार ब्याज दरों में इजाफा किया है। इसी तरह अमेरिका ने भी पिछले दो महीनों में दो बार पॉलिसी रेट में इजाफा किया है। इससे साफ है कि दुनियाभर के बैंक महंगाई को रोकने के लिए पॉलिसी रेट में इजाफा कर रहे हैं और आरबीआई के भी इसी रास्ते पर चलने की संभावना है। रिजर्व बैंक ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिए मई और जून में नीतिगत दर में कुल 0.90 प्रतिशत की वृद्धि की थी। रेपो रेट बढ़ने से आपके लोन की किस्त बढ़ जाएगी।
ईटी के सर्वे में शामिल एक्सपर्ट्स में बैंकर्स, ट्रेडर्स, एनालिस्ट्स और फंड मैनेजर्स को शामिल किया गया था। इनमें से अधिकांश ने कहा कि आरबीआई अपना स्ट्रैंड accommodative से बदलकर neutral कर सकता है। केंद्रीय बैंक का फोकस पहले ही मॉनिटरी अकोमोडेशन को वापस लेने पर है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी का रुख दूसरे देशों के केंद्रीय बैंकों के अनुरूप रहने की उम्मीद है। इससे रुपये की गिरावट, फंड के आउटफ्लो और आयात की महंगाई को रोकने में मदद मिलेगा। हालांकि घरेलू स्तर पर कीमतों में कमी के संकेत मिलने लगे हैं।